प्रदेश में चल रही आंगनबाड़ी के पदों पर चयन प्रक्रिया में कई जिलों में धांधली की शिकायत सामने आ रही है !!
प्रदेश में चल रही आंगनबाड़ी के पदों पर चयन प्रक्रिया में कई जिलों से धांधली की शिकायत सामने आ रही है,जिसको लेकर अब शासन द्वारा चलाई जा रही भर्ती में पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो रहे| हैं इस चयन प्रक्रिया में विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की भूमिका सबसे ज्यादा संदिग्ध मानी जा रही है |
गाजीपुर जिले की 16 परियोजनाओं में नवंबर 2024 में बाल विकास के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के 290 रिक्त पदों पर डीपीओ द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी इसके लिए 9 दिसंबर को अंतिम डेट निर्धारित की गई थी, रिक्त पदों के लिए शासन द्वारा ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे | इसमें ऑफलाइन आवेदन मान्य नहीं होते हैं
जिला गाजीपुर में आवेदन शुरू कर दिया गया है जिसमें 290 पदों पर भारती की जाएगी, जिले में आंगनवाड़ी चयन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदनों की जांच के बाद पात्र आवेदकों के अभिलेखों की जांच कर अंतिम मेरिट सूची तैयार कर दी जाएगी |
इसके लिए फॉर्म को भरना बहुत ही जरूरी है जिले के दुल्लहपुर क्षेत्र के जलालाबाद निवासी कंचन कनौजिया द्वारा आंगनबाड़ी भर्ती ऑनलाइन पोर्टल पर नसीरपुर आंगनबाड़ी केंद्र के लिए अनुसूचित जाति श्रेणी से आवेदन किया गया था, आवेदनों की जांच के बाद पात्र आवेदकों की 20 फरवरी को सूची जारी कर दी गई थी |
इस सूची के अनुसार कंचन कनौजिया का नाम 125 में नंबर पर था जबकि अन्य आवेदक महिला सरोज चौधरी का नाम 126 में नंबर पर 10 आया गया था लेकिन जब 12 मार्च को विभाग द्वारा अंतिम चरण सूची वेबसाइट पर जारी की गई तो इस सूची में कंचन का नाम सूची से गायब कर दिया गया था,
जानकारी करने पर पता चला कि 126 नंबर वाली सरोज चौधरी का चयन कर लिया गया है, जबकि यह सरोज चौधरी एक पुलिसकर्मी की पत्नी है जो की भर्ती नियमावली के खिलाफ है, सरोज चौधरी द्वारा अपलोड किए गए आवेदनों में आय प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से कम आय का प्रमाण पत्र बनवा लिया है |
जिसकी वजह से सरोज का चयन किया गया है इस मामले की जानकारी मिलने पर पीड़िता कंचन कनौजिया के ससुर और भाजपा नेता विंध्याचल कनौजिया ने मुख्यमंत्री जिला अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी के सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन भेज कर भर्ती में चल रही धांधली के खिलाफ जांच की मांग की है
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